चोरी, निंदा और झूठ, ये तीन बातें चरित्र को नष्ट करती हैं चोरी, निंदा और झूठ, ये तीन बातें चरित्र को नष्ट करती हैं
उठो जागो और तब तक नहीं रुको , जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो।। उठो जागो और तब तक नहीं रुको , जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो।।
ग़लती तो हर मनुष्य कर सकता है, किन्तु उस पर दृढ़ केवल मुर्ख ही होते हैं। ग़लती तो हर मनुष्य कर सकता है, किन्तु उस पर दृढ़ केवल मुर्ख ही होते हैं।
कर्म सुख भले ही न ला सके, परंतु कर्म के बिना सुख नहीं मिलता। कर्म सुख भले ही न ला सके, परंतु कर्म के बिना सुख नहीं मिलता।