राम राम रामेति रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ॥

राम राम रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ॥


अर्थ — जब कोई व्यक्ति मन में ‘राम राम राम’ इस नाम का जाप करता है, तो वह आनंदित और मनोहर भाव में रहता है। इसका तात्पर्य है कि ‘राम’ नाम का जाप करने से मन की शान्ति, सुख, और सुरुचिपूर्णता होती है। इस जाप की महिमा है कि यह राम नाम विष्णु जी के सहस्रनाम के तुल्य है।

Meaning - When a person repetitively chants the name ‘Rama Rama Rama’ within their mind, they experience joy and delightful emotions. The essence of this is that by chanting the name ‘Rama’, one attains inner peace, happiness, and contentment. The significance of this chanting is that it holds the same magnitude as reciting the thousand names of Lord Vishnu.

माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः । स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्रः ॥ सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालु । नान्यं जाने नैव जाने न जाने ॥

माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः ।
स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्रः ॥
सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालु ।
नान्यं जाने नैव जाने न जाने ॥


अर्थ — माता के रूप में भगवान राम हैं, पिता के रूप में भगवान रामचंद्र हैं। स्वामी के रूप में भी भगवान राम हैं, मेरे सखा के रूप में भगवान रामचंद्र हैं। मेरा सब कुछ भगवान रामचंद्र हैं, वह दयालु हैं। मैं उनके सिवा किसी और को नहीं जानता।

Meaning - As a mother, there is Lord Rama; as a father, there is Lord Rama Chandra. As a master, there is Lord Rama; as a friend, there is Lord Rama Chandra. Everything is my Lord Rama Chandra; He is compassionate. I do not know anyone else except Him.

लोकाभिरामं रणरङ्गधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम् । कारुण्यरुपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥

लोकाभिरामं रणरङ्गधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम् ।
कारुण्यरुपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥


अर्थ — जो तीनों लोकों को प्रिय हैं, जो युद्ध क्रीड़ा में धीर हैं, जिनकी आँखें कमल के पुष्प के समान हैं, जो रघु वंश के नायक हैं, जो करुणा की मूर्ति हैं, मैं उन करुणा करने वाले, श्रीरामचंद्र की शरण में आया हूँ।

Meaning - Who is beloved to all three realms, who is courageous in the battlefield, whose eyes are like lotus petals, who is the hero of the Raghu dynasty, who is the embodiment of compassion, I seek refuge in the compassionate Lord Sri Rama.

प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् । खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥

प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् ।
खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥


अर्थ — मैं प्रातः (सुबह), संसार के भय को हरने वाले, देवताओं के ईश्वर, गंगाधर (जिनके जटाओं में देवी गंगा हैं), वृषभ वाहन वाले, देवी पार्वती के पति, हाथों में खट्वाङ्ग और त्रिशूल लेने वाले, वरदान देने वाले, अभय के हस्त वाले, ईश्वर को याद करता हूँ। वे संसार के रोगों को हरने वाले औषधि स्वरुप हैं, और मेरे लिए अद्वितीय आश्रय हैं।

Meaning - I remember in the morning, the one who dispels the fear of the world, the Lord of the deities, the bearer of the Ganges (whose hair holds the sacred river Ganga), the one with the bull as his vehicle, the consort of Goddess Parvati, holding the Khadga (sword) and Trishula (trident) in his hands, the giver of boons, the one with the reassuring hand gesture, I remember that Divine Being. They are the medicine to cure the illnesses of the world, and they are my unparalleled refuge.

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय । नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै न_काराय नमः शिवाय ॥

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै न_काराय नमः शिवाय ॥


अर्थ — जिनके गले में नागराज (सर्पों के राजा) की माला है, जिनके तीन नेत्र हैं, जिनके शरीर पर भस्म की धूलि है, जिनका नाम महेश्वर है, जो सदा अनन्त और पूर्ण रूप से पवित्र हैं, जो सर्वदा शुद्ध है, जो आकाश को वस्त्र के रूप में धारण करते हैं, मैं उन शिव को नमस्कार करता हूँ जिन्हे “न” कार रूप में दर्शाया जाता है।

Meaning - Salutations to Lord Shiva, who wears the serpent king as a garland around his neck, who has three eyes, whose body is adorned with ashes, whose name is Maheshwara, who is eternally limitless and pure, who is always immaculate, who adorns the sky as his clothing, and who is symbolized by the sound ‘Na’.