कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ॥
अर्थ — मैं कर्पूर के समान चमकीले गौर वर्णवाले, करुणा (दया) के सागर, संसार के आदर्श, गले में भुजंग (सर्प) की माला पहने और जो माता भवानी के साथ भक्तों के हृदय में सदा वास (निवास) करते हैं, भगवान शिव को प्रणाम (नमस्कार) करता हूँ।
Meaning – I bow to Lord Shiva, whose complexion is as bright as camphor, who is an ocean of compassion, the embodiment of worldly wisdom, adorned with a snake around his neck, and who always resides in the hearts of devotees along with Mother Bhavani.