सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥

अर्थ — जो सबके लिए मंगलकर्ता है, जो सभी का कल्याण करने वाली है, सारे पुरुषार्थ को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली है, जो शरणागतों की रक्षा करती है, जो त्रियम्बका अर्थात तीन नेत्रों वाली और गौरी है, वो नारायणी (लक्ष्मी) को मेरा नमस्कार है।

Meaning – She is the one who brings auspiciousness to all, who works for the well-being of everyone, who fulfills all human endeavors (dharma, artha, kama, moksha), who protects the refuge-seekers, who is known as Triyamibaka with three eyes and also as Gauri. I offer my respectful salutations to that Narayani (Lakshmi).

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