कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय च ।
नन्दगोप कुमाराय गोविन्दाय नमो नमः ॥
अर्थ — वासुदेव के पुत्र श्रीकृष्ण को, और देवकी नंदन है अर्थात देवकी के पुत्र को, ग्वाल नंद के पुत्र को, जो स्वयं भगवान श्री गोविंद हैं, मैं नमस्कार करता हूँ।
Meaning – I offer my repeated salutations to Lord Krishna, the son of Vasudev and Devaki, the divine child of Nanda, the cowherd’s son, who is none other than the supreme deity Govinda.