वाणी रसवती यस्य, यस्य श्रमवती क्रिया।
लक्ष्मी: दानवती यस्य, सफलं तस्य जीवितं।।
अर्थ — जिस मनुष्य की वाणी मधुर होती है, जिसकी क्रियाएं परिश्रम पूर्वक होती हैं। जिसका धन दान करने में प्रयोग होता है, उसका जीवन सफल होता है।