मूर्खा यत्र न पूज्यते धान्यं यत्र सुसंचितम्। दंपत्यो कलहं नास्ति तत्र श्रीः स्वयमागतः।।

मूर्खा यत्र न पूज्यते धान्यं यत्र सुसंचितम्।
दंपत्यो कलहं नास्ति तत्र श्रीः स्वयमागतः।।

अर्थ – जहाँ मूर्ख को सम्मान नहीं मिलता हो, जहाँ अनाज अच्छे तरीके से रखा जाता हो और जहाँ पति-पत्नी के बीच में लड़ाई नहीं होती हो, वहाँ लक्ष्मी खुद आ जाती है।

Spread the vedic information

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *