Posted inShlok पृथ्वियां त्रीणि रत्नानि जलमन्नम सुभाषितं। मूढ़े: पाधानखंडेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।। Posted by By admin January 5, 2024No Comments पृथ्वियां त्रीणि रत्नानि जलमन्नम सुभाषितं। मूढ़े: पाधानखंडेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।। अर्थ – पृथ्वी पर तीन रत्न हैं- जल,अन्न और शुभ वाणी। पर मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ों को रत्न की संज्ञा देते हैं। Spread the vedic information admin View All Posts Post navigation Previous Post यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते निर्घषणच्छेदन तापताडनैः। तथा चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।Next Postसत्यं ब्रूयात प्रियं ब्रूयात न ब्रूयात सत्यं प्रियम। प्रियं च नानृतं ब्रूयात एष धर्म: सनातन:।।