षड् दोषा: पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता। निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता।।

षड् दोषा: पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता।
निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता।।

अर्थ – नींद, तन्द्रा (ऊँघना), डर, क्रोध, आलस्य और दीर्घ शत्रुता इन 6 दोषों को वैभव और उन्नति प्राप्त करने के लिए पुरूष को त्याग करना चाहिए।

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