किन्नु हित्वा प्रियो भवति। किन्नु हित्वा न सोचति।।
किन्नु हित्वा अर्थवान् भवति। किन्नु हित्वा सुखी भवेत्।।
अर्थ – किस चीज को छोड़कर मनुष्य प्रिय होता है? कोई भी चीज किसी का हित नहीं सोचती? किस चीज का त्याग करके व्यक्ति धनवान होता है? और किस चीज का त्याग कर सुखी होता है?