यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः !
चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता !!
अर्थ – साधु जन वही बोलते हैं जो उनके चित्र में होता है और जो उनके चित्र में होता है वही उनकी क्रिया में होता है। ऐसे साधु जन के मन वचन एवं क्रिया में समानता होती है।