यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवताः।
यत्र तास्तु न पूज्यंते तत्र सर्वाफलक्रियाः।।
अर्थ – जहाँ पर हर नारी की पूजा होती है वहां पर देवता भी निवास करते हैं और जहाँ पर नारी की पूजा नहीं होती, वहां पर सभी काम करना व्यर्थ है।