सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥


अर्थ — जो सबके लिए मंगलकर्ता है, जो सभी का कल्याण करने वाली है, सारे पुरुषार्थ को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली है, जो शरणागतों की रक्षा करती है, जो त्रियम्बका अर्थात तीन नेत्रों वाली और गौरी है, वो नारायणी (लक्ष्मी) को मेरा नमस्कार है।

Meaning - She is the one who brings auspiciousness to all, who works for the well-being of everyone, who fulfills all human endeavors (dharma, artha, kama, moksha), who protects the refuge-seekers, who is known as Triyamibaka with three eyes and also as Gauri. I offer my respectful salutations to that Narayani (Lakshmi).

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


अर्थ — हे देवी, जो सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में स्थित हैं, मैं उनको प्रणाम करता हूँ, मैं उनको प्रणाम करता हूँ, मैं उनको प्रणाम करता हूँ, मैं उनको बारम्बार नमस्कार करता हूँ।

Meaning - O Goddess, who exists as the embodiment of power in all living beings, I bow down to you, I bow down to you, I bow down to you, again and again I offer my salutations to you.

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् । सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ॥

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ॥


अर्थ — मैं कर्पूर के समान चमकीले गौर वर्णवाले, करुणा (दया) के सागर, संसार के आदर्श, गले में भुजंग (सर्प) की माला पहने और जो माता भवानी के साथ भक्तों के हृदय में सदा वास (निवास) करते हैं, भगवान शिव को प्रणाम (नमस्कार) करता हूँ।

Meaning - I bow to Lord Shiva, whose complexion is as bright as camphor, who is an ocean of compassion, the embodiment of worldly wisdom, adorned with a snake around his neck, and who always resides in the hearts of devotees along with Mother Bhavani.

कस्तूरीतिलकं लालतपटले वक्षस्थले कौस्तुभं। नासाग्रे नवमुक्तकं करतले वेणुं करे कङ्कनम् ।। सर्वाङ्गे हरिचंदनं सल्लितं कण्ठे च मुक्तावलिं। गोपास्त्री पूर्वेष्टितो विजयते गोपाल चूड़ामणिः ॥

कस्तूरीतिलकं लालतपटले वक्षस्थले कौस्तुभं।
नासाग्रे नवमुक्तकं करतले वेणुं करे कङ्कनम् ।।
सर्वाङ्गे हरिचंदनं सल्लितं कण्ठे च मुक्तावलिं।
गोपास्त्री पूर्वेष्टितो विजयते गोपाल चूड़ामणिः ॥


अर्थ — जिनके माथे पर कस्तूरी तिलक है, उनके वक्षस्थल पर देदीप्यमान कौस्तुभ मणि विराजित है। उनकी नाक पर मोती हैं, हथेलियाों में बांसुरी है, हाथ में कंगन सुशोभित है। सम्पूर्ण शरीर पर सुगन्धित चंदन लगा है, कण्ठ (गले) में मोतीयों की माला है। गोपियों से घिरे हुए भगवान गोपाल (कृष्ण) उनके बीच में एक आभूषण की तरह चमक रहे हैं, आपकी जय हो।

Meaning - On his forehead there is the mark of kasturi (musk), on his chest the radiant Kaustubha gem is shining. Pearls are on his nose, in his hands there is the enchanting flute, and his wrists are adorned with beautiful bangles. Sandalwood fragrances their entire body, around his neck there is a garland of pearls. Surrounded by the gopis, Lord Gopala (Krishna) shines like a precious ornament among them. Hail to you!

नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च। जगत् हिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः॥

नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च।
जगत् हिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः॥


अर्थ — गायों और ब्राह्मणों के साथ सभी प्राणियों के शुभचिंतक, हितैषी भगवान को प्रणाम करता हूं। जगत् का हित करने वाले, गोविंदा के नाम से जाने जाने वाले भगवान कृष्ण को मेरा प्रणाम है।

Meaning - I bow down to the benevolent protector of cows, Brahmins, and all beings. I offer my respects to the Lord who is concerned about the welfare of the world, known by the name Govinda, and Krishna.